मैंने परिवार के
हर रिश्ते को
अपने शब्दों के बीच संजोया है
लेकिन माँ के लिए आज तक
कभी कोई कविता नहीं लिखी
मुझे हमेशा यही लगता है कि
माँ मेरे शब्दों की आत्मा में रहती हैं
उन्हें मेरे शब्दों की शक्ल अख़्तियार करने की कोई जरूरत नहीं
अपने शब्दों के बीच संजोया है
लेकिन माँ के लिए आज तक
कभी कोई कविता नहीं लिखी
मुझे हमेशा यही लगता है कि
माँ मेरे शब्दों की आत्मा में रहती हैं
उन्हें मेरे शब्दों की शक्ल अख़्तियार करने की कोई जरूरत नहीं
माँ मेरे भीतर
का आकाश है
माँ मेरे भीतर की ज़मीन है
माँ मेरे भीतर का पानी है
माँ मेरे अंतस की भावना है
माँ मेरी आँखों में सजा सपना है
माँ मेरी बोली में घुली मृदुलता है
माँ मेरे भीतर की ज़मीन है
माँ मेरे भीतर का पानी है
माँ मेरे अंतस की भावना है
माँ मेरी आँखों में सजा सपना है
माँ मेरी बोली में घुली मृदुलता है
माँ मेरी संवेदनाओं
की तरलता है
माँ मेरे जीवन
की जिजीविषा है
यह सच है
कि माँ थी तो जीवन में बहुत कुछ था
उनका प्यार, उनकी मनुहार,
उनका गुस्सा, उनकी मार,
घर में उनकी खुदमुख़्तियारी,
बाहर उनकी लाचारी,
उनकी सीख, उनका विश्वास,
उनका चेहरा, कभी मुस्कराता, कभी उदास
कि माँ थी तो जीवन में बहुत कुछ था
उनका प्यार, उनकी मनुहार,
उनका गुस्सा, उनकी मार,
घर में उनकी खुदमुख़्तियारी,
बाहर उनकी लाचारी,
उनकी सीख, उनका विश्वास,
उनका चेहरा, कभी मुस्कराता, कभी उदास
आज माँ नहीं हैं
तो भी
बहुत कुछ है जीवन में उनसे मिला
हर संकट में, हर कष्ट में, पहन लेता हूँ
बहुत कुछ है जीवन में उनसे मिला
हर संकट में, हर कष्ट में, पहन लेता हूँ
हिम्मत का वही
पुराना कुर्ता मैं
जो बचपन में हर बार फट जाने पर
उनके ही हाथों से जाता था सिला
जो बचपन में हर बार फट जाने पर
उनके ही हाथों से जाता था सिला
पिता अगर मेरे
लिए सुषेन वैद्य थे
तो माँ संजीवनी बूटी थीं
तो माँ संजीवनी बूटी थीं
पिता के दिए गुणसूत्रों ने
भले ही मुझे मेरी पहचान दी हो
पर माँ तो जन्म के पहले से ही
मेरे शरीर के ख़ून में घुलकर बहती हैं
इसीलिए माँ मेरी कविताओं के शब्दों में नहीं
उनकी आत्मा में बसी रहती हैं।
भले ही मुझे मेरी पहचान दी हो
पर माँ तो जन्म के पहले से ही
मेरे शरीर के ख़ून में घुलकर बहती हैं
इसीलिए माँ मेरी कविताओं के शब्दों में नहीं
उनकी आत्मा में बसी रहती हैं।
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देवताले जी ने भी लिखा था *माँ पर नहीं लिख सकता कविता*...शब्द अक्सर अपर्याप्त लगने लगते हैं जब भावनाएं इतनी प्रबल हों
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