आल्हा - पाठ : केदारनाथ सिंह व नामवर जी की उपस्तिथि में

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Monday, June 2, 2014

इतिहास (2012)

इतिहास रचने की कोशिश कभी मत करना
इतिहास तो खुद अपने आप को रचता है।

इतिहास हमेशा
वर्तमान की चौखट पर बैठ कर
भविष्य के निर्धारण के लिए
भूत का हिसाब - किताब करता है।

इतिहास की ख़ातिर अगर कुछ करना है
तो बस इतना ही करो कि
समय के सरोकारों को पहचानो
उनके लिए उठकर खड़े हो जाओ सामने
ऐसे में आप स्वयमेव
इतिहास का एक सुनहरा पृष्ठ बन जाओगे।

वैसे इतिहास का हिस्सा तो
वे भी बन जाते हैं
जो जीवन भर गुमनाम बैठे रह कर
चुपचाप चले जाते है इस दुनिया से
इतिहास का एक कोरा पन्ना बन कर।

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