आल्हा - पाठ : केदारनाथ सिंह व नामवर जी की उपस्तिथि में

आल्हा - पाठ : केदारनाथ सिंह व नामवर जी की उपस्तिथि में

Monday, June 30, 2014

भैंस के आगे (2013)

भैंस के आगे बीन बजे पर
भैंस खड़ी पगुराए,

भैंस के आगे लूट मची पर
भैंस आँख मिलाए,

भैंस बड़ी ही खाल की मोटी
मार सभी सह जाए,

भैंस बड़े चिकने घट जैसी
चिन्ता नहीं समाए,

भैंस पहन ले सदरी - कुर्ता
कोट - पैंट घबराए,

भैंस नियम - कानून रचे तो
जल में देश समाए,

भैंस अकेली चाल निराली
गली - सड़क थम जाए,

भैंसों का जब झुंड चले तो

जग सारा जमुहाए।

No comments:

Post a Comment