घात - प्रतिघात
बीच बीच में जूता - लात
कभी - कभी गुजरात।
रात - दिन
होते रहें उत्पात
सब देखें अपनी - अपनी
जात - पांत।
माल - ताल
डाल - डाल
ऐय्याशी पात - पात।
हारें या जीतें
पर करें सिर्फ अपनी बात
जनता की क्या बिसात।
राजनीति भी
कितनी अजीब बात।
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